नहीं सुलझ रही,
जुल्फों की उलझने,
लगा लिया
हेयर सिरम,
गांठे,
फिर भी,
अर्झी की अर्झी,
टूट गयी,
कुछ कमजोर कड़ियां,
तो कुछ जड़ से उखड गयी,
कंघे के साथ घर्षण में,
कुछ संभली और कुछ चल बसी,
उलझी हुई गुत्थियों में,
कट्टर धागे ,
कुछ आधे हो गए,
तो कुछ की उलझने बढ़ गयी,
सिरम से,
किनारा करते -करते,
गिरते-पड़ते,
संभलते-बचते,
कुछ सूखी-भूखी रह गयी,
तो कुछ गीली हो,
जंजीरों को तोड़,
अलग हो गयी ...
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