Wednesday, May 19, 2010
आज फिर छुट्टी है आयी
उर में उल्लास हैं भर आयी,
खुशियों की बौछार हैं लायी,
माँ की ममता घर में छायी,
चारो तरफ आनंद है लायी,
आज फिर छुट्टी है आयी
होंठों पर मुस्कान हैं पायी,
खुशियाँ हैं दिल में समायी,
परीक्षाओ के समाप्ति की बधाई,
गाँव जाने की लगी है सबको घाई,
आज फिर छुट्टी है आयी
न होगी किसीसे रुसवाई,
नानी के घर जाने की बेला आयी,
दादी के आंगन में लगेंगे ढेर,
अभी गेहूँ की करनी है जो कटाई,
आज फिर छुट्टी है आयी
खेल रहे थे मिलकर बहन - भाई,
गुड्डे को मिल गयी उसकी लुगाई,
पापा ने जब खूब डाट सुनाई,
मम्मी ने भी फिर आवाज़ लगायी
खेलने दो आज इन्हें क्योंकि,
आज फिर छुट्टी है आयी
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