Wednesday, March 26, 2014

मुझपर तुम एक एहसान करो, अपना मत मुझे दान करो।


- सोनम गुप्ता

तुम तो मेरा सम्मान करो,
यूं न मेरे गुण-दोष गिनो,
मुझपर तुम एक एहसान करो,
अपना मत मुझे दान करो।

मैं, एक नेता हूं,
माना तुम्हे कुछ नहीं देता हूं,
चुनाव आने पर
अच्छा अभिनय कर लेता हूं।
वोट मांगने के लिए
तुम्हारे दर पर आया हूं
कुछ रूपए और बोतल भी
अपने साथ मैं, लाया हूं
ना दुत्कारों ऐसे
ना यूं मेरा अपमान करो,
मुझपर तुम एक एहसान करो,
अपना मत मुझे दान करो।


5 साल में पूरे केवल,
एक बार ही
हाथ जोड़कर करता हूं मैं तुमसे याचना
स्वीकार करो
हे कर्ता-धर्ता,
मेरी प्यारी-दुलारी जनता,
मेरी विनम्र प्रार्थना
तेरे ही आर्शीवाद से
संभव है दिल्ली में मेरी सत्ता।

सड़क, पानी, बिजली को ना तुम याद करो,
सिर्फ और सिर्फ विकास की अब बात करो,
मुझपर तुम एक एहसान करो,
अपना मत मुझे दान करो।


गेहूं सड़ते हैं तो सड़ने दो,
तुम मुझको अपना मत दान करो,
आने पर सत्ता
इन्हे गोदामों में रखवा देंगे,
ओले गिरते है तो गिरने दो,
कुछ किसान मरते है, 
तो मरने दो,
दो-चार किसानों का बीमा भी करवा देंगे।

तंग रस्तों से,
गलिच्छ गलियों से,
झेलकर बहुत कष्ट,
द्वार तक तुम्हारे पहुंचा हूं,
ये दीन-दुखियारे, 
अब तुम ही मेरे रखवाले,
2 रोटी अपनी खिलाकर,
मेरे प्रचार में चार-चांद जड़ो,
तुम मेरा यह सविनय निवेदन,
कृप्या अब स्वीकार करो,
मुझपर एक एहसान करो,
अपना मत मुझे दान करो...