Tuesday, October 2, 2012

तेरी क्या प्रॉब्लम है

तेरी क्या प्रॉब्लम है,
हाँ, यही कहा उन्होंने,
तेरी क्या प्रॉब्लम है,
जब वह सिगरेट के धुए में,
धूमिल होना चाहता है,
तो क्यों उसे टोक कर,
उसकी प्रॉब्लम बन जाती हो,
नहीं चाहता वह,
तुम्हारी तरह खुल कर हसना,
तो क्यों उसे गुदगुदाती हो,
हर सवाल का उत्तर मांग कर,
क्यों उसको सताती हो,
नहीं चाहता वह निंद्रा से जगना,
कीचड़ में महकना,
तो फिर क्यों अपने शब्दों को,
व्यर्थ बहाती हो,
कह दिया ना आज उसने भी,
तेरी क्या प्रॉब्लम है,
क्यों पीछे पड़ जाती हो...