साथी है मिल गया,
जीने के न कोई अरमान थे,
एक लक्ष्य है मिल गया.
तुम्हारा चेहरा निगाहों में,
समा चुका है साँसों में,
पल-पल तुम्हारी प्यारी बातें,
गूँजे हमारे कॉनो में.
दूरी दुखीकर दे उर को,समा चुका है साँसों में,
पल-पल तुम्हारी प्यारी बातें,
गूँजे हमारे कॉनो में.
साथ खुशकर दे मन को,
तड़पे दिल तुम्हारे साथ को,
चाहत है तुम्हारा साथ हो.
किन्तु होठों पर न आते शब्द ,
देखकर तुमको हो जाते स्तब्ध,
कहना है बहुत कुछ तुमसे,
पर न खुल पाते यह लब्ज.
कह नहीं सकते कुछ हम,
मजबूर है संसार के बन्धनों से,
लिख रहे है धडकनों को हम,
अपने दिल के शब्दों से.
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