Wednesday, May 19, 2010
आज फिर छुट्टी है आयी
उर में उल्लास हैं भर आयी,
खुशियों की बौछार हैं लायी,
माँ की ममता घर में छायी,
चारो तरफ आनंद है लायी,
आज फिर छुट्टी है आयी
होंठों पर मुस्कान हैं पायी,
खुशियाँ हैं दिल में समायी,
परीक्षाओ के समाप्ति की बधाई,
गाँव जाने की लगी है सबको घाई,
आज फिर छुट्टी है आयी
न होगी किसीसे रुसवाई,
नानी के घर जाने की बेला आयी,
दादी के आंगन में लगेंगे ढेर,
अभी गेहूँ की करनी है जो कटाई,
आज फिर छुट्टी है आयी
खेल रहे थे मिलकर बहन - भाई,
गुड्डे को मिल गयी उसकी लुगाई,
पापा ने जब खूब डाट सुनाई,
मम्मी ने भी फिर आवाज़ लगायी
खेलने दो आज इन्हें क्योंकि,
आज फिर छुट्टी है आयी
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niece poem
ReplyDeletewelcome in blog world
with best regard
pradeep
antyaanupraas karte-karte aa hii jaayegaa kavitaa me vikaas.
ReplyDeletea mah welcome in blogworld. nice creation. pls visit my blog www.mainratnakar.blogspot.com
ReplyDeleteबहुत अच्छा प्रयास। ...
ReplyDeleteचिट्ठाजगत में आपका स्वागत है। हिंदी ब्लागिंग को आप और ऊंचाई तक पहुंचाएं, यही कामना है।
इंटरनेट के जरिए घर बैठे कमाई के लिए यहां पधार सकती हैं -
http://gharkibaaten.blogspot.com
sach baataaun....!!yah kavita mujhe bacchhon kee kavitaa jaisi lagi....haan magar phir bhi acchhi lagi....
ReplyDeleteसीधी सच्ची और अच्छी सोच - शुभकामनाएं
ReplyDeleteखेलने दो आज इन्हें क्योंकि,
ReplyDeleteआज फिर छुट्टी है आयी
बहुत बढिया
उर में उल्लास हैं भर आयी,
ReplyDeleteखुशियों की बौछार हैं लायी,
माँ की ममता घर में छायी,
चारो तरफ आनंद है लायी,
आज फिर छुट्टी है आयी
छुट्टी का एक अपना अलग ही आनंद है ..
बहुत प्यारी रचना
... बहुत शुभकामनाएँ
उत्तम लेखन… आपके नये ब्लाग के साथ आपका स्वागत है। अन्य ब्लागों पर भी जाया करिए। मेरे ब्लाग "डिस्कवर लाईफ़" जिसमें हिन्दी और अंग्रेज़ी दौनों भाषाओं मे रच्नाएं पोस्ट करता हूँ… आपको आमत्रित करता हूँ। बताएँ कैसा लगा। धन्यवाद...
ReplyDeleteबहुत ही बढि़या। दिल को छू लेने वाली पंक्तियां
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