बहा आओ उन पुरानी यादों को,
भूल जाओ उन बीती बातों को,
पल में सूरज यहाँ उग जायेगा ,
फिर जाना ही होगा काली रातों को.
जो बुरा था कभी बना अपना,
पराया कर दो उन बेगानों को,
समझो वह था एक बुरा सपना,
न सोचो वह था कभी अपना.
नदी की तेज धार में बहा दो,
सूरज की तप्त किरणों में जला दो,
रखो न पास उन्हें तुम अपने,
उनको अपने हृदय से निकल दो.
साथ न देगा वह आनेवाले कल में,
छोड़ आओ उन्हें उस बीते पल में,
न देखो मुड कर उन्हें तुम कभी,
समय है अभी भी दिन ढलने में.
अपना लो उन नई किरणों को,
पनाह दो उन नई उमंगो को,
फिर देखो उस प्यारे साथी को,
देगा साथ तुम्हारा हर पल में जो.
Pretty post and picture sona !
ReplyDeleteSrinivasa Rao.S
INDIA